हनुमान जी के सर्व कार्य सिद्धि मंत्र||All work of Lord Hanuman|| hanumaan jee ke sabhee kaary siddhi mantra
हनुमान जी के सर्व कार्य सिद्धि मंत्र के बारे में इस पोस्ट में हनुमान जी के विभिन्न मंत्रों का संग्रह किया गया है जो हमारे दैनिक जीवन में मंत्र और कार्य सिद्धि के क्षेत्र में एक अद्भुत प्रयोग सामान्य व्यक्ति के जीवन में लाने के लिए हमने हनुमान जी के सर्व कार्य सिद्धि मंत्र जैसे सूर्य की प्रशंसा यश कीर्ति के लिए, शत्रु पराजय के लिए, सर्व दुख निवारण के लिए, धन्य धन्य संपत्ति प्राप्ति के लिए, व शरीर रक्षा के लिए, भूत प्रेत बाधा निवारण के लिए,शक्ल संपत्ति के लिए, जादू टोना का असर दूर करने के लिए, विष उतारने के लिए, महामारी मंगल ग्रह दोष भूत-प्रेत आदि नाश के लिए, विभिन्न मंत्रों एवं उस मंत्रों के प्रयोग में लाने की विधि सहित इस पोस्ट में दिया गया है
हनुमान जी के सर्व कार्य सिद्धि मंत्र |
1. सूर्य की प्रसन्नताव यश-कीर्ति के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
2. शत्रु पराजय के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय रामभक्तितत्पराय
रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय
दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।
3. शत्रु पर विजय तथा वशीकरणके लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
4. सर्वदुःख निवारणार्थ
मंत्र
ऊँ नमो हनुमते
रुद्रावताराय आध्यात्मिकाधिदैवीकाधिभौतिक
तापत्रय निवारणाय रामदूताय स्वाहा।
5. सर्वरुपेण कल्याणार्थ
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय देवदानवर्षिमुनिवरदाय
रामदूताय स्वाहा।
6. धन-धान्य आदि सम्पदाप्राप्ति के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमनः कल्पनाकल्पद्रुमायं
दुष्टमनोरथस्तंभनाय प्रभंजनप्राणप्रियाय
महाबलपराक्रमाय महाविपत्तिनिवारणाय
पुत्रपौत्रधनधान्यादिविधिसम्पत्प्रदाय रामदूताय स्वाहा।
7. शरीर रक्षा के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय वज्रदेहाय
वज्रनखाय वज्रमुखाय वज्ररोम्णे वज्रदन्ताय
वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा।
8. सर्वव्याधि व भय दूरकरने के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय परयन्त्रतन्त्रत्राटकनाशकाय
सर्वज्वरच्छेदकाय सर्वव्याधिनिकृन्तकाय सर्वभयप्रशमनाय
सर्वदुष्टमुखस्तंभनाय सर्वकार्यसिद्धिप्रदाय रामदूताय स्वाहा।
9. भूत-प्रेत बाधा निवारणार्थ
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय देवदानवयक्षराक्षस भूतप्रेत
पिशाचडाकिनीशाकिनीदुष्टग्रहबन्धनाय रामदूताय स्वाहा।
10. शत्रु संहार के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पूर्वमुखे सकलशत्रुसंहारकाय रामदूताय स्वाहा।
हनुमान जी के सर्व कार्य सिद्धि मंत्र |
11. भूत-प्रेत के दमन के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय दक्षिणमुखेय
करालवदनाय नारसिंहाय सकलभूतप्रेतदमनाय रामदूताय स्वाहा।
12. सकल विघ्न निवारण के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पश्चिममुखे
गरुडाय सकलविघ्ननिवारणाय रामदूताय स्वाहा।
13. सकल सम्पत के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चमुखाय उत्तरमुखे आदिवराहाय सकलसम्पत्कराय रामदूताय स्वाहा।
14. सकल वशीकरण के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय ऊर्ध्वमुखे हयग्रीवास सकलजन वशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
15. शत्रु की कुबुद्धि को ठीक करने के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सव्रग्रहान् भूतभविष्यद्वर्तमानान्
समीपस्थान सर्वकालदुश्टबुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय परबलानि
क्षोभय क्षोभय मम सर्वकार्याणि साधय साधय स्वाहा।
16. सर्वविघ्न व ग्रहभयनिवारणार्थ
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय परकृतयन्त्रमन्त्र पराहंकार भूतप्रेत पिशाचपरदृष्टिसर्वविघ्नतर्जनचेटकविद्यासर्वग्रहभयं निवारय निवारय स्वाहा।
17. जादू टोना का असर दूर करने के लिए-
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय डाकिनीशाकिनीब्रह्मराक्षसकुल पिशाचोरुभयं निवारय निवारय स्वाहा।
18. ज्वर दूर करने के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भूतज्वरप्रेतज्वरचातुर्थिकज्वर विष्णुज्वरमहेशज्वरं निवारय निवारय स्वाहा।
19. शारीरिक वेदन कष्टनिवृत्ति के लिए
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल
शिरोऽभ्यन्तर शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षस
शूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।
20. प्रेत बाधा निवारणके लिए
ऊँ दक्षिणमुखाय पंचमुखहनुमते करालवदनाय नारसिंहाय ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रौं ह्रः सकलभूतप्रेतदमनाय स्वाहा।यह मंत्र कम से कम हजार जप करने पर सिद्ध हो जाता है। मंत्र जाप के बाद अष्टगंध से हवन करना चाहिए।
हनुमान जी के सर्व कार्य सिद्धि मंत्र हनुमान जी के सर्व कार्य सिद्धि मंत्र
हनुमान जी के सर्व कार्य सिद्धि मंत्र |
21. विष उतारने के लिए
ऊँ पश्चिममुखाय गरुडाननाय पंचमुखहनुमते मं मं मं मं मं सकलविषहराय स्वाहा।यह मंत्र दीपावली के दिन अर्धरात्रि में दीपक जलाकर हनुमानजी को साक्षी करके 10 हजार जप लेने से सिद्ध हो जाता है। पुनः बिच्छू, बर्रै आदि बिषधारी जीवों द्वारा काटने पर इस मंत्र को उच्च स्वर से उच्चारण करते हुए उस अंग का स्पर्श करें जहां जीव ने काटा है। कई बार ऐसा करने पर विष उतर जाता है।
22. शत्रु संकट निवारणके लिए
ऊँ पूर्वकपिमुखाय पंचमुखहनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रुसंहरणाय स्वाहा।
इस मंत्र के सिद्ध कर लेने पर शत्रु भय दूर हो जाता है। यह केवल 15 हजार मंत्र जप से सिद्ध हो जाता है।
23. महामारी, अमंगल, ग्रह-दोष एवं भूत-प्रेतादि नाश के लिए
ऊँ ऐं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रौं ह्रः
ऊँ नमो भगवते महाबलाय-पराक्रमाय
भूतप्रेत पिशाचीब्रह्मराक्षस शाकिनी डाकिनीयक्षिणी
पूतनामा-रीमहामारीराक्षस भैरव वेतालग्रहराक्षसा
दिकान् क्षणेन हन हन भंजन भंजन मारय मारय
शिक्षय शिक्षय महामाहेश्वररुद्रावतार ऊँ ह्रं फट् स्वाहा।
ऊँ नमो भगवते हनुमदाख्याय रुद्राय सर्वदुष्टजन
मुखस्तम्भनं कुरु कुरु स्वाहा। ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रं ठं ठं ठं फट् स्वाहा।
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