Rudri Ganika Sadhana-रुद्री गणिका साधना || जय महाकाल संग माँ कामख्या
सूर्य ग्रहण के समय का सबसे उचित तंत्र उपयोग:- सूर्य ग्रहण के लिए कोई उपयोगी साधना बता रहा हु।अघोर तंत्र में कुछ विशेष महूर्त में से एक विशेष समय या काल है सूर्य ग्रहण।जिसका सदुपयोग किया जाये तो मनवांछित फल प्राप्त होने में कोई शंका नहीं रहती। ये साधना आपके किसी किताब में नहीं मिलेगी।क्योकि उच्चकोटि की साधना गुरु द्वारा ही प्रदत्त होती है । अगर आप इस साधना को सही तरह से और तंत्रोक्त विधि अनुसार करते है तो आपके आर्थिक स्तिथि और व्यवसाय इतना गतिमान होगा की आपने कल्पना भी नहीं की होगी।
Rudri Ganika Sadhana-रुद्री गणिका साधना |
साधना का नाम:-रुद्री गणिका साधना
उपयोग:- केवल आर्थिक स्तिथि को अगले सूर्य ग्रहण तक मजबूत करने हेतु
समय :-सूर्य ग्रहण काल
सामग्री:-
- 69 निम्बू
- 41हरी मिर्च
- 21 काली मिर्च
- 21 लोंग
- 21 साबुत सुपारी
- 3 मीटर काला कपडा
- 21 साबुत चावल के दाने सफ़ेद
- बताशे
- कुमकुम
- काजल
- 13 दीपक चमेली के तेल के
- इत्र
- काली राई
- लाल चन्दन पिसा हुआ
- आटा
- लोबान
- हवन के लिए समिधा केवल पीपल की
- काली हल्दी
- 21 पीले लड्डू
- एक चंडी का चोकुट पत्र
विधि :- एक चोकोर कमरे के चारो कोनो में 7 निम्बू रखे जिनको 4 फांको में काट गया हो मगर वो अलग नही होने चाहिये।उनके अंदर लाल कुमकुम भरिये।अब उन 4 घेरो को पहले लाल चन्दन और फिर आटे से चक्रित करिये अब चारो कोनो को बताशों से जोड़िये।ये हुआ आपकी सुरक्षा का काम।अब बीचो बिच पहले कुमकुम फिर अंदर आते का घेरा बनाइये। फिर 41 निम्बू को 41 हरी मिर्च से जोड़िये।अब अंदर 13 दीपक प्रज्जवलित करिये केवल चमेली के तेल से। अब साध्वी का मुह पूर्व तथा साधक का पश्चिम में करके बैठिये अगर अकेले करे तो स्त्री पूर्व तथा पुरुष पश्चिम में।अब काले कपडे को जमीन पर बीच कर उस पर कालि हल्दी रखे और उस पर आसन ग्रहण करे ।अब हवन में सबसे पहले चण्डी कचोकोर पत्र रखे ।अब हवन कुण्ड में समिधा से अग्नि प्रज्वलित करे।सबसे पहले स्वयं पर फिर हवन कुण्ड के चारों और इत्तर डाले।और सबसे पहले लोबान को हवन में छोड़ कर रुद्री गणिका का नाम ले उनको प्रणाम करे।
अब निम्न मंत्र
मंत्र:- ॐ रं रं रीं रीं रुद्री रीं रीं रं रं नमः
की केवल 21 माला करे जो की 108 मनको की हो और प्रत्येक माला के सुमेरु पर एक एक चावल सुपारी काली मिर्च लोंग और लड्डू की आहुति देवे। 21 आहुति बाद काली राई को हवन में छोड़ दे । काली राई छोड़ते ही चांदी का पत्र स्वयं ऊपर आने लगेगा समिधा के।उसका रंग भी नारंगी हो चूका होगा ।ये संकेत है की आपकी साधना पूर्ण हुई और रुद्री गणिका का आपके घर प्रवेश हो चूका है।इस चांदी के पत्र को अपने मुद्रा भण्डार में रख कर अग्ले सूर्यग्रहण तक पूजा करिये और स्वयं अपनी आर्थिक स्तिथि को देखिये की कितनी जल्दी ही लक्षमी के आने के अनेक रास्ते बन गए है।
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