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मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

Seendu veer ka shabar mantra- bhairo mantra

  भरों का मन्त्र - सींडू वीर का मन्त्र - नव-नाथ का मन्त्र 

भरों का मन्त्र - सींडू वीर का मन्त्र - नव-नाथ का मन्त्र
Seendu veer ka shabar mantra- bhairo mantra

भरों का मन्त्र

आद भैरों, जुगाद भैरों, भैरों है सब थाईं। 

भैरों ब्रह्मा, भैरों विष्ण, भैरों ही भोला साईं। 

भैरों देवी, भैरों सब देवता, भैरों सिद्ध, भैरों नाथ । 

भैरों गुरु, भैरों पीर, भैरों ज्ञान, भैरों ध्यान । भैरों योगवैराग। 

भैरों विन होय ना रक्षा । भैरों विन बजे ना नाद । 

काल भैरों, विकराल भैरों। घोर भैरों, अघोर भैरों । 

भैरों की कोई ना जाने सार । भैरों की महिमा अपरम्पार । 

श्वेत वस्त्र, श्वेत जटाधारी । हत्थ में मुदगर, श्वान की सवारी । 

सार की जजीर, लोहे का कड़ा। जहाँ सिमरूँ, भैरों बाबा हाजिर खड़ा। 

चले मन्त्र, फरे वाचा । देखाँ आद भैरों ! तेरे इल्म चोट का तमाशा।

विधि- 41 दिनों तक किसी शिब-मन्दिर या भैरव-मन्दिर में प्रति-दिन एक माला जप करे । उड़द के 'बड़े' और 'मद्य' का भोग दे। भैरव बाबा भक्त की सब कामनाएँ पूर्ण करते हैं। मान

 सींडू वीर का मन्त्र 

पहाड़, पहाड़ में समेर, समेर में गुफा, गुफा में धुन्धुकारा, जित्थ बैठा साध विचारा । 

खोली सोने की ताकी, निकले वीर मस्ताकी। पौण का गड़वा, पौण की धारी ।

 निकली सींड वीर की सवारी। आगे निकली बकरी, पिच्छे निकले या छला ।

 गुरू का सिख निकले या अलबेला। भाई वैहलो, सिख लाडला । 

गुरु गोरखनाथ दा लाडला। गुरु नानक देव जी दा प्यारा । 

मेरी भक्ति, गुरू की शक्ति । चले मन्त्र, ईश्वर महादेव का वाचा फुरे।

विधि-उक्त मन्त्र का जप अमलतास वृक्ष के नीचे उस समय करे, जब उसमें फूल हों! प्रति-दिन प्रातः और सायं-काल एक-एक माला जप करे। गन्ध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप तथा हलवे का नैवेद्य दे । पानी का गड़वा रखे । सर्व-प्रथम वृक्ष को जल दे। फिर पूजनोपरान्त एक माला जप करे । सीडू वीर प्रत्यक्ष होकर दर्शन देते हैं और कामना पूर्ण करते हैं।

 नव-नाथ का मन्त्र 

ॐ आदेश, गुरू जी को आदेश । 

ओङ्कार - रूपी आदि-नाथ आकाश-स्वरूपी । 

सन्तोषनाथ विष्णु खण्डा खड्ग-स्वरूपी। 

गज-वेली कन्थडीनाथ गणेश जी हस्ति-स्वरूपी। 

अचला अचम्भेनाथ शेषनाग अचल - स्वरूपी ।

 सिद्ध चौरङ्गीनाथ पूर्ण भगत चन्द्रमा - स्वरूपी। 

माया-रूपी मच्छेन्द्रनाथ । घटे-बढ़े पिण्ड गुरू गोरखनाथ । 

इतना नौ नाथ मन्त्र-जाप सम्पूर्ण भया । गुरू जी, नाथ जी ! आदेश, आदेश ।

विधि--उक्त मन्त्र का प्रति-दिन एक माला जप करे। कम-से. कम दस हजार जप करने पर मन्त्र जागत हो जाएगा। फिर किसी पीड़ित व्यक्ति को विभूति, धागा, लौंग, इलायची अभिमन्त्रित करके देने से तान्त्रिक बाधा की शान्ति होती है।

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