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रविवार, 11 जुलाई 2021

Tantra Mantra yantra jagrat karne ka mantra

  तन्त्र-मन्त्र-यन्त्र जागृत करने का मन्त्र

मंत्र मुख्यत: 3 प्रकार के होते हैं- 1.वैदिक 2.तांत्रिक और 3.शाबर मंत्र।..पहले तो आपको यह तय करना होगा कि आप किस तरह के मंत्र को जपने का संकल्प ले रहे हैं। साबर मंत्र बहुत जल्द सिद्ध होते हैं, तांत्रिक मंत्र में थोड़ा समय लगता है और वैदिक मंत्र थोड़ी देर से सिद्ध होते हैं। लेकिन जब वैदिक मंत्र सिद्ध हो जाते हैं और उनका असर कभी समाप्त नहीं होता है।

Tantra Mantra yantra jagrat karne ka mantra
Tantra Mantra yantra jagrat karne ka mantra


 बाबा आदम सिर जन्त्र ले माई, नारसिंग की करूँ बड़ाई। 

सिङ्ग तड़ापो एक डारि, बड़ी दयाली भय उजियारी जागे। 

होम जागे अग्यारी जागे, खेड़ापति रखवाली। 

जाग कारुआ, जाग वारुआ। जागे वीर मशान, 

जागे बाबा अघोरी, जिन विद्या फटकारी। जागे मन्त्र-तन्त्र

 और सब यन्त्र, अली-अली मौला-मुर्तजा अली-मुसकुर खुशाली। 

अनी अनभली आये न पास, आवे सो चली जाय मौजे।

 मुज्जफर की गली या खुली अल्लाह-फकीरों की गली।

उक्त मन्त्र की विधि एक है। गुरु-पुष्य, रवि-पुष्य, होली, दीपावली, ग्रहण, अक्षयतृतीया, महाशिवरात्रि, मकरसंक्रान्ति (खिचड़ी)- इनमें से किसी एक दिन स्नान कर सफेद वस्त्र पहन कर पूर्व की ओर मुख कर ऊनी आसन पर बैठे। दो वेदी बनाये। वेदी पर आम की लकड़ी रखे। घी का दीपक, अगरबत्ती जलाकर प्रथम मन्त्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जपे। फिर पूरा मन्त्र पढ़कर स्वाहा बोलकर घी-गुगल से 21बार हवन कर नैवेद्य चढ़ाये। नैवेद्य में पञ्चमेवा या जल भरा नारियल चढ़ाये। इसी प्रकार द्वितीय मन्त्र जप हकीक की माला से 108 बार करे और 21 बार हवन कर नैवेद्य चढ़ाये। नैवेद्य में लड्डू, बताशे, इत्र दे। इस प्रकार मन्त्र सिद्ध हो जायेंगे।

विशेष-ग्रहणकाल में नैवेद्य न चढ़ाये। ग्रहण बीतने के एक घण्टे बाद नैवेद्य देना चाहिये।

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