श्री ज्वाला-मुखी देवी का मन्त्र
श्री ज्वाला-मुखी देवी का मन्त्र |
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सिंहेश्वरी ज्वाला -
मुखी, जम्भिणी, स्तम्भिनी, मोहनी, वशीकरणी,
पर-धन-मोहनी, सर्वारिष्ट-निवारणी,
शत्रु-गण संहारिणी, सु-बुद्धि-दायिनी।
ॐ आं फ्रां ह्रां त्राहि-त्राहि, अक्षोभय-अक्षोभय,
अमुकं मे वश्यं कुरु कुरु स्वाहा ।
विधि :
दीपावली' की रात्रि से उक्त प्रयोग आरम्भ करे। 'दीपावली'-रात्रि में जितना अधिक 'जप' कर सके करे। चमेली के फल चढ़ाए। बरफी इत्यादि का भोग लगाए और दशांश 'हवन' प्रचलित द्रव्य से करे। दीपावली- रात्रि के बाद प्रति-दिन 'जप', पूजन करे। 'सिद्धि' होने पर साधक जो-जो इच्छा करेगा, वह सब मिलेगा। देवी की सहायता से कामनाएं पूर्ण होंगी। मन्त्र में जो-जो कार्य निर्दिष्ट हैं, वे सभी पूर्ण होते हैं। नित्य 1 माला 'जप' अवश्य करे । इससे एक वर्ष में 'ज्वाला-मुखी देवी' सिद्ध हो जाती हैं।
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