Vaayu Gola - Gas ka Gola - वायु गोला
॥ मंत्र ॥
कौन पुरवाई कहाँ चले।
वन ही चले।
वागहे के कोयला।
कोयला का करवेह।
सारी पत्र खंड कर वहु।
अस्टोत्तर दांत व्याधि काटे।
सिर रावण का दश।
भुजा रावण की बीस।
ककुही वार वटी।
धायु गोल बाँधूँ।
बाँधूँ में गुल्म।
दुहाई महादेव गौर पार्वती नीलकंठ की।
लोना चमारिन की दुहाई।
फुरे मंत्र खुदाई।
विधि: सूर्योदय से
पहले
२१
माला
जप
कर
मंत्र
सिद्ध
कर
लो
बुधवार
को। फिर जब
भी
आवश्यकता
हो
तो
पीड़ित
को
इस
मंत्र
से
झाड़ा
लगा
दो।
पीड़ित
एकदम
ठीक
हो
जायेगा।
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