Sahadevi ke Tantrik prayog-सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग
आयुर्वेद और तंत्र-शास्त्र में सहदेवी को एक बहुत महत्वपूर्ण जड़ी बूटी या औषधि माना गया है| इसके तांत्रिक प्रयोग बहुत ही शक्तिशाली हैं|Sahadevi ke Tantrik prayog-सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग |
यदि कोई रोगी ठीक न हो रहा हो तो उसके लिए सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग किया जा सकता है| एक सहदेवी का पौधा लाकर उसे मरीज के कमरे में रख देने से उसका स्वास्थ्य ठीक होने लगता है| सहदेवी का पौधा वैसे तो कोमल होता है लेकिन इसके असर किसी चमत्कार से कम नही होते है
अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति के लिए सहदेवी का पौधा वरदान है| यदि आप या आपके घर का कोई सदस्य अनिद्रा से पीड़ित हो तो बहुत ही बैचेनी और कष्ट होता है| ये एक ऐसी स्थिति है जिससे निपटाना अनिवार्य हो जाता है| यदि लंबे समय तक अनिद्रा का इलाज नही किया जाए तो रोगी की मानसिक क्षमता नष्ट होने लगती है| इस समस्या से निजात के लिए सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग इस प्रकार करें|
अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति के तकिये के पास सहदेवी का पौधा रखने से रात को बहुत गहरी नींद आती है| अनिद्रा के रोगी इस प्रयोग को अवश्य करें|
जिन लोगों रात में डरावने सपने आते हैं उनको भी सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग कर लेना चाहिए| ऐसे लोगों को भी सहदेवी के पौधे सही नक्षत्र में उखाड़कर लेकर आ जाना चाहिए और इसे अपने शयन कक्ष में रखना चाहिए| इस प्रयोग करने से डरावने सपने आना बंद हो जाते हैं और सुकून की नींद आती है|
यदि आप सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग करना चाहते हैं को किसी रवि-पुष्य योग में सुबह सूरज निकलने से पहले शास्त्रीय विधि का प्रयोग करके तथा निमंत्रण देकर सहदेवी का पौधा प्राप्त कर लें| पौधे को पंचामृत से स्नान कराने के बाद पूजा करें| इस पूजा में इस इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए| मंत्र नीचे दिया जा रहा है|
मंत्र – “ओम नमो भगवती सहदेवी सदबलदायिनी सर्वंजयी कुरु कुरु स्वाहा।”
पूजा और मंत्र विधि का प्रयोग करने से पौधा सिद्ध हो जाता है फिर इसे सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग में इस्तेमाल किया जा सकता है|
यदि आप अपने हर कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग के अंतर्गत यह उपाय करना चाहिए| आप सहदेवी के पौधे की उचित विधि से पूजा करने के बाद उसके स्वरस में शुद्ध गोरोचन और शुद्ध केसर के साथ मिलाकर गोलियां बना लें| जब भी आप घर से किसी महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए बाहर जा रहे हों इसे गंगाजल में घिसकर तिलक लगा लें|
इस छोटे से उपाय को करने से आपको हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी| आप जब अपने बिज़नस में किसी डील को करने जाएँ, कोर्ट में जाएँ, शादी का प्रस्ताव लेकर जाए या इंटरव्यू के लिए जाए तो इस तिलक को लगाकर जाएँ| इससे आपको निश्चित सफलता मिलेगी|
आप अलग अलग प्रयोजनों के लिए सहदेवी के पौधे का इस्तेमाल कर सकते हैं| यदि आप चाहते हैं कि घर में धन-धान्य भरपूर मात्रा में बना रहे तो सहदेवी की जड़ को किसी लाल कपड़े में लपेट कर तिजोरी में रख दें| यदि आपके घर में सुख शांति नही रहती है तो आपको सहदेवी के पौधे को घर के मंदिर में रखना चाहिए|
यदि आप किसी वाद विवाद में फंस गए हैं और उससे निकल पाना आपके लिए संभव नही हो पा रहा है तो आपको सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग करना चाहिए| यदि आप विधि पूर्वक सिद्ध सहदेवी को धारण करते हैं तो वाद विवाद स्थिति से आप आसानी से निपट सकते हैं|
यदि आपको लगता है कि लोग आपकी बात को ज्यादा अहमियत नही देते हैं तो आपको अपने प्रभाव में वृद्धि करने की कोशिश करनी चाहिए| इसके लिए आप सहदेवी के पंचाग के चूर्ण का तिलक अपनी जीभ और मस्तक पर लगायें| जैसे ही लोगों की नज़र तिलक पर पड़ेगी वे आपसे प्रभावित होने लगेंगे और आपकी बातों को महत्व देने लगेंगे|
यदि आप किसी व्यक्ति को अपने वश में करना चाहते हैं या उसका मन मोहना चाहते हैं तो आपको सहदेवी के पौधे की जड़ का अंजन लगाना चाहिए| किसी व्यक्ति को अपने वश में करने के लिए तुलसी के बीजों को सहदेवी के रस में पीसकर तिलक लगाना चाहिए|
जिस भी व्यक्ति को आप वशीभूत करना चाहते हैं उसके सामने आप इस तिलक को लगाकर जायेगे तो वह व्यक्ति आपके वश में हो जायेगा| यदि आप किसी स्त्री या पुरुष को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं तो इस प्रयोग को अवश्य करें|
सहदेवी के पौधे में इतनी शक्ति होती है कि इसके प्रयोग से तीनों लोकों को मोहित करके लाभ उठाया जा सकता है| यदि तीनों लोक को मोहित करना है तो सहदेवी के साथ लाजा, अपामार्ग-ओंगा और धान की खोल को पीसकर इसका तिलक लगाना चाहिए|
सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग को करते समय नीचे दिए गए मंत्रों का उच्चारण करने से इसका प्रयोग काफी प्रभावाशाली हो जाती हैं| ये दो मंत्र इस प्रकार हैं –
“ ओम नमो भगवते रुद्राय सर्वजगन्मोहनं कुरु कुरु स्वाहा।“
” ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यश्य यश्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।”
सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग करके वशीकरण भी किया जा सकता है| यदि आप किसी स्त्री या पुरुष से प्रेम करते हैं और आप चाहते हैं कि वह भी आपसे प्रेम करे तो आप इस प्रयोग को करें| आप सहदेई के पौधे को छाया में सुखाकर उसका चूर्ण तैयार कर लें| जब इस चूर्ण को पान में डालकर उस व्यक्ति को खिलाएंगे तो उस स्त्री का पुरुष का वशीकरण हो जायेगा और वह आपके अनुरूप कार्य करने लगेगा|
यदि आप एक से अधिक लोगों या सभी का वशीकरण करना चाहते हैं तो आपको सहदेवी को गोरोचन में मिलाकर उसका तिलक करना चाहिए|
सहदेवी से वशीकरण का प्रयोग करते समय इस मंत्र का जाप करें| मंत्र इस प्रकार है –
”ॐ नमो नारायणाय सर्वलोकान् मम वशं कुरु कुरु स्वाहा।“
यदि प्रयोग के समय इस मंत्र का 108 बार जाप किया जाता है तो इसका काफी अच्छा परिणाम देखने को मिलता है|
यदि आपको कोई शत्रु है और वह आपको परेशान कर रहा है तो आपको अपामार्ग और सहदेवी को लोहे की किसी पत्र में पीसकर मस्तक पर तिलक लगाना चाहिए| यदि शत्रु इस तिलक को देखेगा तो उसका स्तम्भन हो जायेगा|
शत्रु से छुटकारा पाने के लिए आप चिरचिटा, सरसों, कंकोल, भंगारा, श्वेत आक और सहदेवी को बराबर मात्रा में पीस लें फिर इसे लोहे के पात्र में तीन दिन तक घोटें| इसके बाद इसका तिलक करके शत्रु के सामने जाने से वह कुंठित होने लगेगा| इस तरह सहदेवी के तांत्रिक प्रयोग आपके लिए काफी लाभदायक हो सकते हैं|
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