Dharan Ka ilaj in Hindi Mantra
नाभि का उपचार :
सेहतमंद रहने के लिए शरीर के केंन्द्र बिंदू नाभि का उसकी सही जगहें पर होना बहुत जरूरी है। कई बार नाभि अपनी जगहें से खिसक जाती है, जिसे धरण पड़ना या नाभि खिसकना भी कहते है। इससे पेट में दर्द, गैस, भूख न लगना, टांगों में कंपकपाहट, घबराहट आदि समस्याएं हो सकती है। आज हम आपको नाभि खिसकने के कुछ कारण, लक्षण और उपाय बताएंगे, जिससे आप इस परेशानी से छुटकारा पा सकते है।
Dharan Ka ilaj in Hindi |
नाभि खिसकने के कारण
1. गलत लाइफस्टाइल, भूख न लगना, एक्सरसाइज न करना और पूरी नींद न लेने के कारण धरण पड़ने की समस्या हो सकती है।2. कोई भारी काम करते समय या खेल-कूद के कारण भी नाभि खिसक सकती है।
3. अचानक एक पैर पर भार पड़ने, सीढ़िया उतरते समय और दाएं बाय झुकने से भी धरण पड़ जाती है।
4. एक बार यह समस्या होने पर इसके बाद यह बार-बार हो सकती है।
नाभि खिसकने के लक्षण
1. पेट में धरण पड़ने से तेज दर्द और दस्त की समस्या हो जाती है।
2. रोगी को पीठ के बल लेटाकर उसकी नाभि को दबाएं। अगर नाभि के नीचे धड़कन महसूस न हो तो वो अपनी जगह पर नहीं है।
3. नाभि खिसकने पर रोगी को अपच और कब्ज की समस्या हो जाती है।
नाभि का खिसकना के उपाय शाबर मंत्र द्वारा
धरण ठिकाने लाने का मंत्र -
ओम् नमो नाड़ी नाड़ी नौ सौ बहत सो कोठा चले
अगाडी डिगे न कोठा चलेन नाड़ी।
रक्षा करे हनुमतको आन ।
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति:
फरी - मंत्र ईश्वरो वाचा।।
विधि :-
किसी सूत में नौ बार मंत्र पढ़कर नौ गांठ लगाएं। तथा उसे छल्ले के समान गोल बनाकर नाभी पर रख दें। -फिर नौ बार मंत्र पढ़ते हुए उस पर फूक मारें। धरण ठिकाने पर आ जाएगी।
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