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मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

Hanuman Sloka

Hanuman Sloka -हनुमान मंत्र श्लोक स्त्रोत 

Hanuman Sloka – हनुमान जी के मंत्र , हनुमान श्लोक Hanuman Sloka और हनुमान स्त्रोत Hanuman Stotra जपने से हमेशा भक्तो का उद्धार होता आया है क्यों की कालों के काल महाकाल शिव का अवतारी स्वरूप होने से श्री हनुमान जी हमेशा अपने भक्तो का बुरे वक्त में रक्षा कर, समय को अनुकूल, सुख-समृद्ध भी कर देते हैं। हर संकट की काट के लिए हनुमान उपासना का महत्व बताया गया है। इस लिए हनुमान श्लोका  Hanuman Sloka पाट दिया जा रहा है

Hanuman Sloka
Hanuman Sloka

हनुमान मंत्र – Hanuman Mantra

Hanuman Sloka : मंगलवार के दिन दक्षिणमुखी या पंचमुखी हनुमान के दर्शन कर चरणों में नारियल अर्पित कर उनके चरणों का सिंदूर मस्तक पर लगाएं। नियत संख्या जैसे 11, 21, 51 हनुमान मंदिर में श्री हनुमान के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन करें। नित्य 108 बार इन मंत्र जाप से परेशानियों एवं बाधाओं से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी जल्द ही प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं और इसके लिए कुछ चमत्कारी मंत्र यहां बताए जा रहे हैं।


भय नाश करने के लिए हनुमान मंत्र 

हं हनुमंते नम:

प्रेत भूत बाधा दूर करने के लिए

हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:। अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।।

यह हनुमान मंत्र भी अत्यंत असरकारक है –

ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय
नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।

प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन।
जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।।


द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र 

ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।

मनोकामना पूर्ण करवाने के लिए 

महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।

शत्रुओं और रोगों पर विजय पाने के लिए

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा ||

इस मंत्र का भी जाप कर सकते है

हनुमान अंगद रन गाजे।
हांके सुनकृत रजनीचर भाजे।।

नासे रोग हरैं सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बल बीरा।।

संकट दूर करने का हनुमान मंत्र 

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा || 

शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए

ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।

कर्ज से मुक्ति के लिए मंत्र 

ऊँ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

अपनी रक्षा और यथेष्ट लाभ हेतु इस मंत्र का जाप करना चाहिए

अज्जनागर्भ सम्भूत कपीन्द्र सचिवोत्तम।
रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा।।

मुकदमे में विजय प्राप्ती के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए

पवन तनय बल पवन समाना।
बुधि बिबेक बिग्यान निधाना।।

धन- सम्पत्ति प्राप्ति हेतु इस मंत्र का जाप करना चाहिए

मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन ।
शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो।।

हनुमानजी की पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़ते हुए उनसे क्षमा-प्रार्थना करना चाहिए

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||

हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए सुवर्णपुष्प समर्पण करना चाहिए

वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम् |
पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न – समुज्जलम् ||

हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें ऋतुफल समर्पण करना चाहिए

फ़लं नानाविधं स्वादु पक्वं शुद्धं सुशोभितम् |
समर्पितं मया देव गृह्यतां कपिनायक ||

इस मंत्र को पढ़ते हुए पवनपुत्र हनुमानजी को सिन्दूर समर्पण करना चाहिए

दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम् |
तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो ||

 हनुमान की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उन्हें पुष्पमाला समर्पण करना चाहिए

नीलोत्पलैः कोकनदैः कह्लारैः कमलैरपि |
कुमुदैः पुण्डरीकैस्त्वां पूजयामि कपीश्वर ||

हनुमानजी की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उन्हें पंचामृत समर्पण करना चाहिए

मध्वाज्य – क्षीर – दधिभिः सगुडैर्मन्त्रसन्युतैः |
पन्चामृतैः पृथक् स्नानैः सिन्चामि त्वां कपीश्वर ||

हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र के द्वारा उन्हें अर्घ्य समर्पण करना चाहिए

कुसुमा-क्षत-सम्मिश्रं गृह्यतां कपिपुन्गव |
दास्यामि ते अन्जनीपुत्र | स्वमर्घ्यं रत्नसंयुतम् ||

हनुमान जी की सम्पूर्ण कृपा प्राप्ति के लिए 108 बार इस मंत्र का जाप करे 

ॐ अहि ह्रीं हनुमते श्री राम दूताय नमः ||

हनुमान श्लोक – Hanuman Sloka

हनुमान   गायत्री   मन्त्रः – Hanuman Gayantri Mantra

ॐ रामदूताय विध्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्   ॥

अंजनीगर्भ संभूत मन्त्रः – Anjanigarbha Sambhoot Mantra

अंजनीगर्भ संभूत कपीन्द्र सचिवोत्तम । रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा ||

हनुमान स्तोत्र – Hanuman Stotra

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि ॥
यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम्
वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ॥


Hanuman Sadhna – हनुमान साधाना के दौरान रखें ध्यान 


  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • तन और मन शुद्ध रखें।
  • क्रोध न करें।
  • मोतीचूर के लड्डू भोग लगाएं।
  • तामसिक भोजन से दूर रहें।
  • मंगलवार को व्रत करें, संभव हो तो नमक का सेवन न करें।
  • घर में नित्य रामायण का पाठ करें।


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