'स्व-रक्षा' और 'शत्रु-त्रासन' हेतु श्री वीर भैरों मन्त्र
Bhairav Mantra |
|| मंत्र ||
हमें जो सतावै, सुख न पावै सातों जन्म ।
इतनी अरज सुन लीजै, वीर भैरों !
आज तुम ॥ जितने होंय सत्रु मेरे,
और जो सताय मुझे। वाही को रक्त-पान,
स्वान को कराओ तुम ।। मार-मार खड्गन से,
काट डारो माथ उनके । मास रक्त से नहावो,
वीर भैरों! तुम ॥ कालका भवानी,
सिंह-वाहिनी को छोड़। मैंने करी आस तेरो,
अब करो काज इतनो तुम ॥
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