-->

गुरुवार, 12 मार्च 2020

bhoot bhagane ka achuk mantra

भूत-प्रेत-नाशक श्री हनुमान जी का 'झाड़ा'-मन्त्र



bhoot bhagane ka achuk mantra
bhoot bhagane ka achuk mantra



नयति हनुमान जी, नित ध्यान धरूँ।
 सेऊँ वीर हनुमान, जटा-जूट अवधूत जङ्ग जञ्जीर ॥ 
लँगोट गाढ़ा भूत को बस कर, प्रत को बस कर, 
गदा की मार दे, तेल सिन्दूर फल-फूल पान मङ्गल चढ़े, 
आप देखें जब रोट होवे । सत्य की नाव नरसिङ्ग खेवे, 
दुष्ट के लात बजरङ्ग देवे॥ तोड़ वत्र किवाड़ वक्त को कड़ी। 
चार लाख अस्सी हजार बस कर, रावण के दीनी धड़ा-धड़ी। 
सत्य वीर हनुमान, बरस बारह के जवान, हाथ में लड्ड-मुख में पान ।
 सीता को खोजन गए, तो मो-से पतित अनाथ की नहीं करोगे का महाराज? 
हनुमन्ता गुणवन्ता गाजन्ता घोरन्ता, डगरी बैठ राज करन्ता ।
ऋद्धि लाओ, सिद्धि लाओ, राजा-परजा बस कर, 
बड़ो वेग मेरे पास लाओ। मेरे पास बड़ी वेग नहीं लाओगे, 
तौ माता अञ्जनी का दूध पिया, हलाल से हराम कराओगे। 
बड़ी बार वेग लाओगे, तो माता अञ्जनी का दूध पिया हल्लाल करोगे।
 यही पान का बीड़ा तुम्हारी मेंट है । जो वाचा चूके, तो ऊभ्यौरी सूखे। 
मेरे हकारे नहीं हंकोगे, तो माता अञ्जनी की दुहाई,
 नरसिंह पिता की दुहाई, आदि-पुरुष की दुहाई, सती सीता की दुहाई।
 देखू हनुमन्ता वीर ! तेरी शक्ति, मेरी भक्ति, फुरो मन्त्र, ईश्वरो वाचा।


विधि-

मङ्गलवार से मङ्गलवार तक हनुमान जी का पूजन कर 108 वार जपें। अन्तिम दिन हनुमान जी को सिन्दूर का चोला, नंगोट, ध्वजा, नारियल आदि अर्पित करें। फिर 1 या 3 बार मन्त्र पढ़ते हुए मोर-पल द्वारा झाड़ने से भूत-प्रेत आदि भाग जाते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

-->