Pitra dosh Shabar Mantra
हमारे जीवन में हर चीज़ का बहुत महत्व होता है ! इसी कर्म में आते है ! हमारे पितृ , पितरो को देवता तुल्य माना गया है ! हमारे पूर्वज ही हमारे पितृ होते है ! हमारे पूर्वजो कि आत्माओ में कुछ ऐसी, आत्माये होती ही, जिनको किसी न किसी वजह से शांति नहीं मिल पाती ! मृत्यु के बाद भी , उनका स्नहे अपने परिवार के साथ जुड़ा रहता है ! और जब हम, उनकी आत्मा कि शांति के लिए कोई उपाए नहीं करते तो ! वो आत्माये हमको वो कार्य याद दिलाने के लिए ! मुश्किले उत्पन करती रहती है ! जिनमे से मुख्य है !
Pitra dosh Shabar Mantra |
- शारीरिक कोई परेशानी न होते हुए भी , संतान का न होना !
- बार-बार गर्भ का गिर जाना ! या सन्तान उत्पन करने में परेशानी !
- हर काम में मुश्किलों का सामना करना !
- घर में हर वक्त, कलह का होते रहना !
- किसी कन्या या लड़के कि शादी में बार-बार अड़चन आना !
- बुरे स्वप्न जादा आना !
- समाज में मान-सम्मान कि कमी !
|| मन्त्र ।।
पितृ परम पर्वता विराजे, हम कर जोड़े खड़े सकारे।
होम धूप की होय अग्यारी, पितरदेव दरबार तुम्हारी।
पितर मनावे हार द्वार में बरकत बरणे, बार-बार मैं अपने गौत्र के पितर मनाऊँ ।
सातो सातहि सिर ही झुकाऊँ, जो न माने मेरी बात, नरसिंह को झुकाऊँ माथ।
वीर नरसिंह दहाड़ता आवे, मूर्छ-पूंछ कोप हिलावे।
हन - हन हम करे हंकार, प्रेत-पितर पीड़ा फटकार ।
कोड़ा मारे श्री हनुमान, सिद्ध होंय सब पूरन काज।
दुहाई दुहाई राजा रामचंदर महाराज की।
नोट :- इस मंत्र की विधि नहीं बताई गई है
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