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रविवार, 7 जून 2020

Shitala Mata Mantra | शीतला माता मंत्र

शीतला माता मंत्र

शास्त्रीय मान्यता के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी, वैशाख, जेष्ठ और आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी पूजन करने का प्रावधान है। चारों महीने के चार दिन का व्रत करने से शीतला जनित बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इस पूजन में शीतल जल और बासी भोजन का भोग लगाने का विधान है।

Shitala Mata Mantra  शीतला माता मंत्र
Shitala Mata Mantra  शीतला माता मंत्र


शीतला दिगंबर है, गर्दभ पर आरूढ है, शूप, मार्जनी और नीम पत्तों से अलंकृत है। अत: शीतला सप्तमी-अष्टमी पर शीतला माता का पाठ करके निरोग रहने के लिए मंत्र  से प्रार्थना की जाती है।


मंत्र 
सात भवानी शीतला माई,
नीमिया की डार बिराजे सातो,
ज्वर काटे जंजार काटे, काटे बन्धन सारे।
देह मस्तक सन्ताप को काटे,
सब बन्धन को काटे।
मूरी जूरी सभी को काटे लौंग सुपारी की भेंट तुम्हारी। 
तेरे द्वारे माली बैठा गावे पूजा पचरा भेंट।
दुहाई बूढ़ी माई की।दुहाई मटारा माईं की।
दुहाई लोहाझार माईं की।
 दुहाई कथरिया माईं की। 
दुहाई सिंदुरिया माईं की।
दुहाई कोडइया माई की।
दुहाई आलसिया माई की|

विधि:- इस मंत्र का जाप शुक्ल पक्ष की सप्तमी से शुरू करें और 41 दिन तक लगातार मंत्र का जाप करें| पीले वस्त्र धारण करने की कोशिश करें| घी का दीपक जलाएं और पूजा स्थान पर माता का सोलह सिंगार रखें एक पानी वाला नारियल भी| जाप पूरा होने के बाद आम की लकड़ी से हवन कराएं|

जय शीतला माता जय माता दी

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