Hanuman Raksha Mantra | हनुमान रक्षा-शाबर मन्त्र
देवताओं में भगवान शिव के बाद बजरंगी बली ही ऐसे देवता हैं, जो अपने भक्तों पर अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं. छोटे-छोटे उपायों व मंत्रों से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं. सच्चे मन से श्रद्धापूर्वक की गई पूजा कभी बेकार नहीं जाती | ऐसे ही उपायों में से एक है हनुमत रक्षा मंत्र | इसमें अपार शक्ति है साथ ही अद्भुत फलदायी है |
Hanuman Raksha Mantra |
मंत्र
“ॐ गर्जन्तां घोरन्तां, इतनी छिन कहाँ लगाई ?
साँझ क वेला, लौंग-सुपारी-पान-फूल-इलायची-
धूप-दीप-रोट॒लँगोट-फल-फलाहार मो पै माँगै।
अञ्जनी-पुत्र प्रताप-रक्षा-कारण वेगि चलो।
लोहे की गदा कील, चं चं गटका चक कील,
बावन भैरो कील, मरी कील, मसान कील,
प्रेत-ब्रह्म-राक्षस कील, दानव कील, नाग कील,
साढ़ बारह ताप कील, तिजारी कील, छल कील,
छिद कील, डाकनी कील, साकनी कील, दुष्ट कील,
मुष्ट कील, तन कील, काल-भैरो कील, मन्त्र कील,
कामरु देश के दोनों दरवाजा कील, बावन वीर कील,
चौंसठ जोगिनी कील, मारते क हाथ कील, देखते क नयन कील,
बोलते क जिह्वा कील, स्वर्ग कील, पाताल कील, पृथ्वी कील,
तारा कील, कील बे कील, नहीं तो अञ्जनी माई की दोहाई फिरती रहे।
जो करै वज्र की घात, उलटे वज्र उसी पै परै।
छात फार के मरै।
ॐ खं-खं-खं जं-जं-जं वं-वं-वं रं-रं-रं लं-लं-लं टं-टं-टं मं-मं-मं।
महा रुद्राय नमः। अञ्जनी-पुत्राय नमः। हनुमताय नमः।
वायु-पुत्राय नमः। राम-दूताय नमः।”
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