Akshay Dhan Prapti Mantra || अक्षय-धन-प्राप्ति मन्त्र
प्रार्थना
हे मां लक्ष्मी, शरण हम तुम्हारी।
पूरण करो अब माता कामना हमारी।।
धन की अधिष्ठात्री, जीवन-सुख-दात्री।
सुनो-सुनो अम्बे सत्-गुरु की पुकार।
शम्भु की पुकार, मां कामाक्षा की पुकार।।
तुम्हें विष्णु की आन, अब मत करो मान।
आशा लगाकर अम देते हैं दीप-दान।।
Akshay Dhan Prapti Mantra |
मन्त्र-
“ॐ नमः विष्णु-प्रियायै,
ॐ नमः कामाक्षायै।
ह्रीं ह्रीं ह्रीं क्रीं क्रीं क्रीं
श्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा।”
विधि-
‘दीपावली’ की सन्ध्या को पाँच मिट्टी के दीपकों में गाय का घी डालकर रुई की बत्ती जलाए। ‘लक्ष्मी जी’ को दीप-दान करें और ‘मां कामाक्षा’ का ध्यान कर उक्त प्रार्थना करे। मन्त्र का 108 बार जप करे। ‘दीपक’ सारी रात जलाए रखे और स्वयं भी जागता रहे। नींद आने लगे, तो मन्त्र का जप करे। प्रातःकाल दीपों के बुझ जाने के बाद उन्हें नए वस्त्र में बाँधकर ‘तिजोरी’ या ‘बक्से’ में रखे। इससे श्रीलक्ष्मीजी का उसमें वास हो जाएगा और धन-प्राप्ति होगी। प्रतिदिन सन्ध्या समय दीप जलाए और पाँच बार उक्त मन्त्र का जप करे।
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मंत्र
“आवो लक्ष्मी बैठो आँगन, रोरी तिलक चढ़ाऊँ।
गले में हार पहनाऊँ।।
बचनों की बाँधी, आवो हमारे पास।
पहला वचन श्रीराम का, दूजा वचन ब्रह्मा का,
तीजा वचन महादेव का। वचन चूके, तो नर्क पड़े।
सकल पञ्च में पाठ करुँ।
वरदान नहीं देवे, तो महादेव शक्ति की आन।।”
विधिः-
दीपावली की रात्रि को सर्व-प्रथम षोडशोपचार से लक्ष्मी जी का पूजन करें। स्वयं न कर सके, तो किसी कर्म-काण्डी ब्राह्मण से करवा लें। इसके बाद रात्रि में ही उक्त मन्त्र की 5 माला जप करें। इससे वर्ष-समाप्ति तक धन की कमी नहीं होगी और सारा वर्ष सुख तथा उल्लास में बीतेगा।
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