विरह पीड़ा विनाशकं ब्रह्म शक्ति स्तोत्रम् || Virah Pida Vinashak Brahm Shakti Stotram
यदि आपके जीवन में स्त्री वियोग-पीड़ा, पत्नी से मतभेद, पत्नी आपको छोड़ कर चली गई हो, वैवाहिक जीवन में परेशानी, अच्छी पत्नी मिलने हेतु, गर्लफ्रैंड का आपसे दूर चला जाना, पारिवारिक कलह का मौहाल रहना, परिवार में कोई ना कोई रोग ग्रस्त या अकाल-मृत्यु हो जाना आदि समस्या से पीड़ित है तो बताये जा रहे इस Virah Pida Vinashak Brahm Shakti Stotram आपके जीवन में इन सब समस्या को समाप्त कर देगा या उसमें कमी लायेगा।
Virah Pida Vinashak Brahm Shakti Stotram |
।।श्रीशिवोवाच।।
ब्राह्मि ब्रह्म-स्वरूपे त्वं, मां प्रसीद सनातनि ! परमात्म-स्वरूपे च, परमानन्द-रूपिणि !।।
ॐ प्रकृत्यै नमो भद्रे, मां प्रसीद भवार्णवे। सर्व-मंगल-रूपे च, प्रसीद सर्व-मंगले !।।
विजये शिवदे देवि ! मां प्रसीद जय-प्रदे। वेद-वेदांग-रूपे च, वेद-मातः ! प्रसीद मे।।
शोकघ्ने ज्ञान-रूपे च, प्रसीद भक्त वत्सले। सर्व-सम्पत्-प्रदे माये, प्रसीद जगदम्बिके!।।
लक्ष्मीर्नारायण-क्रोडे, स्त्रष्टुर्वक्षसि भारती। मम क्रोडे महा-माया, विष्णु-माये प्रसीद मे।।
काल-रूपे कार्य-रूपे, प्रसीद दीन-वत्सले। कृष्णस्य राधिके भदे्र, प्रसीद कृष्ण पूजिते!।।
समस्त-कामिनीरूपे, कलांशेन प्रसीद मे। सर्व-सम्पत्-स्वरूपे त्वं, प्रसीद सम्पदां प्रदे!।।
यशस्विभिः पूजिते त्वं, प्रसीद यशसां निधेः। चराचर-स्वरूपे च, प्रसीद मम मा चिरम्।।
मम योग-प्रदे देवि ! प्रसीद सिद्ध-योगिनि। सर्वसिद्धिस्वरूपे च, प्रसीद सिद्धिदायिनि।।
अधुना रक्ष मामीशे, प्रदग्धं विरहाग्निना। स्वात्म-दर्शन-पुण्येन, क्रीणीहि परमेश्वरि !।।
।।फल-श्रुति।।
एतत् पठेच्छृणुयाच्चन, वियोग-ज्वरो भवेत्। न भवेत् कामिनीभेदस्तस्य जन्मनि जन्मनि।।
इस स्तोत्र का पाठ करने अथवा सुनने वाले को वियोग-पीड़ा नहीं होती और जन्म-जन्मान्तर तक कामिनी-भेद नहीं होता।
विरह पीड़ा विनाशकं ब्रह्म शक्ति स्तोत्रम् के फायदे || Virah Pida Vinashak Brahm Shakti Stotram Ke Fayde
यह Virah Pida Vinashak Brahm Shakti Stotram का पाठ करने से जातक के जीवन में चल रही स्त्री वियोग-पीड़ा, पत्नी से मतभेद, वैवाहिक जीवन में परेशानी, अच्छी पत्नी मिलने हेतु, गर्लफ्रैंड आपकी Wife बनने हेतु, पारिवारिक कलह की शांति और रोग या अकाल-मृत्यु भय आदि समस्या से पीड़ित हैं तो यह Virah Pida Vinashak Brahm Shakti Stotram आपके लिए चमत्कारी साबित हो सकता हैं।
विरह पीड़ा विनाशकं ब्रह्म शक्ति स्तोत्रम् विधि || Virah Pida Vinashak Brahm Shakti Stotram Vidhi
बताये गए इस Virah Pida Vinashak Brahm Shakti Stotram का पाठ करने से पहले अपने इष्ट-देवता या भगवती माता गौरी का षोडशोपचार पूजन करें। उसके बाद जिस भी कार्य के लिए आप कर रहे हैं उस कार्य के साथ संकल्प लेकर लगातार 40 या 43 या 45 या 55 दिन तक प्रतिदिन 40 बार Virah Pida Vinashak Brahm Shakti Stotram पाठ करने से विशेष रूप से फलदायक रहता हैं। या आप अपने कार्य पूर्ण होने तक भी कर सकते हैं।
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