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शनिवार, 4 जुलाई 2020

स्नान का साबर एवं वैदिक मंत्र

स्नान का साबर एवं वैदिक मंत्र


ॐ हर हर गंगे हर नर्मदे हर जटा शंकर |
काशी विश्वनाथ गंगे ,गंगा गोदावरी तीर्थ बडे प्रयाग |
छालाबड़ी समुद्र की पाप कटे हरिद्वार |
ॐ गंगेय ॐ यमुने चैव गोदावरी सरस्वती |
नर्मेदेसिन्धु कावेरी ,जल स्नान च करू|
सत्यशील दोय स्नान तृतीय गुरु वाचकं |
चतुर्थ क्षमा स्नान , पंचम दया स्नान |
ये पञ्च स्नान निर्मल नित प्रति करत गोरषबाला |
जो जानो ध्यान का भेद आपही कर्ता आपही देव ||

Om har har gange har har narmade har har jata shankar.
Kashi vishvanath gange,ganga godavari tirth bade prayag.
Chalaa badi samudra ki pap kate haridvar.
Om rangey om yamuna chavi godavari sarswati.
Narmadesindu kaveri,jal snaan cha karu.
Satyashil doy snan tritiy guru vachak.
Chaturth kshama snan,pancham dayaa snan.
Ye panch snan nirmal nit prati karat gorakahbala.
Jo jane dhyan ka bhed aaphi karta
aphi Bhed.

विधि:-ये स्नान के दौरान बोले जाना वाला मंतर है,यह मंतर पढ़कर जल तर्पण करे |

स्नान का साबर एवं वैदिक मंत्र
स्नान का साबर एवं वैदिक मंत्र

स्नान मंत्र (वैदिक)

नहाते समय करें इस मंत्र का जप
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।

Gange ch yamuna chavi godavari sarswati.
narmade sindhu kaveri kalam insan nidhi.

प्रतिदिन स्नान से पूर्व बाल्टी में पानी भरें। उसके बाद अपनी तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) से पानी पर त्रिभुज का चिन्ह बनाएं। त्रिभुज बनाने के बाद एक अक्षर का बीज मंत्र ‘ह्रीं’ उसी चिह्न के बीच वाले स्थान पर लिखें। उसके बाद अपने इष्ट देवी-देवता से परेशानियां दूर करने के लिए प्रार्थना करें।

शास्त्रों में बताया गया है कि स्नान करते समय भी हमें मंत्रों का जाप करना चाहिए। स्नान के समय किसी मंत्र, पाठ, कीर्तन या भजन का जाप किया जा सकता है। ऐसा करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

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