भूत-प्रेत बाधा निवारक मन्त्र
जब कभी भी कोई पुरुष या महिला किसी बुरी शक्ति का शिकार हो जाती है तो उसके बोलने का , बात करने का या फिर उसके शारीरिक भाव बिलकुल ही बदल जाते है |
आपने भी अपने जीवन में किसी न किसी को इस प्रकार की हरकते करते देखा होगा जो सामान्य भाव से बिलकुल ही भिन्न हो | कुछ लोग ऐसे लोगो को मानसिक बीमारी का नाम देकर इन बुरी(Bhoot Pret) व अद्रश्य शक्तियों को सिरे से नकार देते है | और जो लोग इन शक्तियों को स्वीकार करते है उनका परिचय काफी करीब से हुआ है |
bhoot pret badha nivaran mantra |
इन्ही बुरी शक्तियों को भूत – प्रेत Bhoot Pret की संज्ञा दी गयी है | मनुष्य अपने कर्मो के अनुसार मरने के पश्चात् Bhoot Pret (भूत -प्रेत) – जिन्न- पित्र -चुड़ैल – डाकिनी -शाकिनी आदि इन सब योनियों को प्राप्त होते है |इन सभी योनियों में मनुष्य तभी जाता है जब उसकी मृत्यु किसी दुर्घटना के कारण समय से पहले हुई हो|
जब किसी भी मनुष्य की इच्छा शक्ति कमजोर होती है या फिर उसके गण कमजोर होते है तो भूत -प्रेत Bhoot Pret उस पर अपना प्रभाव दिखाना आरम्भ कर देते है |
भूत-प्रेत बाधा निवारक मन्त्र
"ओं नमो आदेश गुरु का।सोचा कंठ कंचा,
दुहाई हनुमान वीर की जाने लंका जारी,
पलका मंझारी आन लक्ष्मण वीर की,
आने माने जाके तीर की, दुहाई मैमना पीर की,
बादशाह जादा काम में रहे आमादा,
दुहाई कालिका माई की, धैलाँ गिरिवार चढ़े,
सिंह की सवारी जाके लाँगुर है अगारी,
प्याली पीवे रक्त की, चंडिका भवानी,
वेदबानी में बखानी, भूत नाचे बैताल लज्जा रखे,
अपने भक्त की काली महरकाली आरी कलकत्ते वारी,
हाथ कंगन की थारी, लिये ठाड़ी,
भक्त बालिका दुष्ट न प्रहारी सदा सन्तन हितकारी
कतर भूत राजा जल्दी, नहि भखै तोय कालिका माई की दुहाई करे,
करै भक्तन की सहाई, आ तू सपने में माई,
तेरी जाति रही जाग के, पकड़ के, छह मात कर मत अबार,
तेरे हाथ में कृपाण भक्षण कर ले, जल्दी आय के जाय,
नाही भूत पकड़ मारे जाय, भूत उतर-उतर-उतर तोय राम की दुहाई,
गुरु गोरखनाथ का फंदा करेगा तोय अन्धा, फुरो-फुरो मन्त्र स्वाहा।"
विधि:- मन्त्र को इक्कीस दिन तक प्रतिदिन 108 जाप कर सिद्ध करे। इस मन्त्र को पढ़ते हुए 11 बार नीम की डाली से रोगी के सिर से पैर तक झाड़ो।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें