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शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2020

moch ki pida ka mantra-Sprain relief

 मोच की पीड़ा दूर करने का मन्त्र--Sprain relief


moch ki pida  ka mantra-Sprain relief
moch ki pida  ka mantra-Sprain relief


ॐ नमो आदेस श्रीराम को देऊँ मचक उड़ाई, 
उसके तन से तुरत पीर भागि जाई, 
ना रही रोग पीर फूंक से सब हुई पानी,
 'अमुक' की कथा छोड़ भाग तूं मचकानी, 
पिता ईश्वर महादेव की दुहाई आदेश सियाराम लखन गुसाईं। 

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विधि :-  एक कटोरी में थोड़ा-सा सरसों का तेल (कडुवा तेल) लेकर उसे आग पर गरम कर लें। फिर यह मन्त्र 32 बार पढ़कर उस पर फूंक मारते रहें। यह मन्त्र-सिद्ध तेल मोच की पीड़ा दूर करने में रामबाण है। रोगी को सामने बिठाकर लिटाकर यह मन्त्राभिषिक्त तेल उसके मोच-दर्द वाले स्थान पर मलना चाहिए। प्रतिदिन 2-3 बार ऐसा करने से 3 दिन में मोच ठीक हो जाती हैं।'अमुक' स्थान पर रोगी का नाम लें।


शरीरपीड़ा-नाशक मन्त्र 


उस पार से आती बुढ़िया छुतारी तिसकै काँधे पै 
सरके पिटारी कौन कौन शर वाण 
सु शर कु पौरा शर समान 'अमुक' के अङ्ग की 

कथा तन पीर लौटि गिरै उसके कलेजे तीर, 
आज्ञा पिता ईश्वर महादेव की दुहाई फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।



विधि :- रोगी को सामने बिठायें। पास ही किसी कटोरी में सेंधे नमक का छोटा-सा टुकड़ा रख लें। बाँयें हाथ की अनामिका अंगुली से मन्त्र पढ़ते हुए नमक के उस टुकड़े पर फेरें। ऐसा तीन बार करें। फिर वह मन्त्र-सिद्ध नमक रोगी को खिलाएं। इस क्रिया से शरीर की पीड़ा मिट जाती है। परन्तु ध्यान रहे कि यह तांत्रिक प्रयोग है, अत: नमक की मात्रा थोड़ी ही रहनी चाहिए। अधिक मात्रा में खाया गया नमक गला सुखाता है, प्यास बढ़ाता है और तब रोगी को बेचैनी हो जाती है।'अमुक के स्थान पर रोगी का नाम पढ़ें।


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