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शनिवार, 24 अप्रैल 2021

Gorakhnath shabar gayatri mantra

Gorakhnath shabar gayatri mantra- गोरख शाबर गायत्री  मन्त्र 

Gorakhnath shabar gayatri mantra
Gorakhnath shabar gayatri mantra



ॐ गुरु जी , सत नमः आदेश । गुरु जी को आदेश । 
ॐकारे शिव - रूपी , मध्याह्ने हंस - रूपी , 
सन्ध्यायां साधु - रूपी । हंस , परमहंस दो अक्षर । 
गुरु तो गोरक्ष , काया तो गायनी ।
 ॐ ब्रह्म , सोऽहं शक्ति . शून्य माता , अवगत पिता , 
विहङ्गम जात , अभय - पन्थ , सूक्ष्म - वेद , असंख्य शाखा ,
 अनन्त प्रवर , निरञ्जन गोत्र , त्रिकुटी क्षेत्र , जुगति जोग , 
जल - स्वरूप रुद्र - वर्ण । सर्व - देवः ध्यायते । 
आए श्री शम्भु - जति गुरु गोरखनाथ । 
ॐ सोऽहं तत्पुरुषाय विद्महे शिव गोरक्षाय धीमहि तन्नो गोरक्षः प्रचोदयात् । 
ॐ इतना गोरख - गायत्री - जाप सम्पूर्ण भया । 
गङ्गा गोदावरी त्र्यम्बक - क्षेत्र कोलाञ्चल अनुपान - शिला पर सिद्धासन बैठ । 
नव - नाथ , चौरासी सिद्ध , अनन्त - कोटि - सिद्ध - मध्ये 
श्री शम्भु - जति गुरु गोरखनाथ जी कथ पढ़ , जप के सुनाया ।
 सिद्धो गुरुवरो , आदेश - आदेश ।। 


विधि एवं प्रयोग - 

प्रतिदिन गोरखनाथ जी की प्रतिमा का पञ्चोपचार से पूजन कर 21 , 27,51 या 108 जप करे । नित्य से भगवान् गोरखनाथ की कृपा मिलती है , जिससे साधक और उसका परिवार सदा सुखी रहता है । बाधाएं स्वतः दूर हो जाती हैं । सुख - सम्पत्ति में वृद्धि होती है और अन्त में परम पद प्राप्त होता है ।

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