टिड्डी-रक्षक शाबर-मन्त्र
टिड्डियों का उपद्रव आरंभ हो जाने के पश्चात् इसे नियंत्रित करना कठिन हो जाता है। इस पर नियंत्रण पाने के लिए हवाई जहाज से विषैली ओषधियों का छिड़काव, विषैला चारा, जैसे बेनज़्ाीन हेक्साक्लोराइड के विलयन में भीगी हुई गेहूँ की भूसी का फैलाव इत्यादि, उपयोगी होता है। टिड्डी नियंत्रण हेतु मंत्र तंत्र के क्षेत्र में एक बहुत ही कारगर साबित होने वाला टिड्डी-रक्षक शाबर-मन्त्र है
tidde-rakshak shabar-mantra |
शाबर-मन्त्र
ॐ नमः आदेश कामाक्षा देवी को अज्र बांधू, वज्र बांधू, बाँधू दशो दुवार ।
लोहे का कोड़ा हनुमान ठोके, गिरे धरती लागे घाव । सब टिड्डी भस्म हो जाय ।
बाँध नाला, ऊपर ठोकं वज्र का ताला ।
नोचे भरो किलकिलाय, ऊपर हनुमान गाजे, हमारी सीव में दानापानी खावे, तो गुरू गोरखनाथ लजावे।
साधन-विधि एवं प्रयोग-
इस शाबर-मन्त्र को पूर्वोक्त विधि से होली की रात को 1008 जप कर सिद्ध करे। फिर जब कभी टिड्डी-दल आने की सम्भावना हो, तो एक मुट्ठी चावल लेकर उक्त मन्त्र से 21 बार अभिमन्त्रित कर खेत में चारों तरफ फेंक दें। साथ ही इस मन्त्र का उच्चारण करते हुए खेत के चारों कोनों में चार कीलें गाड़ दें। ऐसा करने पर टिड्डी-दल से खेत-खलिहान की सुरक्षा हो जाती है।
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