बाबा संबल सिह बावरी अदभुत साधना
सबल सिंह वीर जो कि पांच बावरियों में से मुख्य माने जाने वाले बावरी है इनका स्थान हरियाणा के सफीदों शहर में है।और उत्तर भारत में इनकी बहुत मान्यता है पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश राजस्थान दिल्ली और भारत के अन्य क्षेत्रों में मैं भी इनकी बहुत ज्यादा मान्यता है । और लोगों की इनके प्रति बहुत आस्था है यह वीर कलयुग में पूज्य वीर और मुरादों को पूरा करने वाले सब मनोरथ को पूरा करने वाले बहुत ही जबरदस्त शक्ति से संपन्न वीर है
बाबा संबल सिह बावरी अदभुत साधना |
इस साधना के लाभ की जिसकी बुद्धि बहुत देर से बनी हुई है और वर्षो बीत जाने के बाद भी उनको कोई कहीं से भी ना तो गद्दी खुली ना कोई आराम आया हजारों लाखों रुपए लुटा कर भी जो खाली हाथ है उनको एक बार इस मंत्र का प्रयोग करना चाहिए।
विशेष लाभ।
- जिसकी देवता पित्र की सवारी बंधी हो ।
- जो सबल सिंह वीर की सवारी लेना चाहें ।
- जो सबल सिंह वीर की साधना करना चाहे ।
- जो चाहे कि एक सबल सिंह वीर के मंत्र से ही सब कुछ काम हो उनका उनके लिए यह मंत्र अमृततुल्य है।
(( सवारी लेने के इच्छुक साधक विशेष ध्यान रखें कि जाप के समय बाबा के भजन/कीर्तन चलते रहें और जो दीपक आपने बाबा के प्रति जलाया है आपको उसी में टकटकी लगाकर लगातार देखना है।))
अगर कोई भगत चाहेगा कि उसके घर पर बाबा सबल सिंह बावरी का आशीर्वाद प्राप्त जाए तो यह मंत्र बहुत काम का है। थोड़ा सा प्रयास करने पर ही बाबा सबल सिंह बावरी की सवारी भी भगत के ऊपर आने लग जाती है लेकिन इसमें एक टेक्निकल सूत्र होता है सूत्र के अनुरूप कार्य करने पर ही सवारी या हाज़िरी आती है सवारी बंधी हुई है कैसी भी बंदिश है इस मंत्र से वह बंदिश टूट जाती है घर पर भूत-प्रेत की बाधा खत्म हो जाती है कारोबार रोजगार इतना ही नहीं साथ-साथ साधक की दिव्य दृष्टि भी काम करने लगती है।
मन्त्र
ओम नमो आदेश गुरु को
चिट्टा घोड़ा- खाखी बाणा,
जागो वीर सबल सिंह राणा
मुरथल से मारो मार चलो
सफीदों से मारो मार चलो
पक्के पुलों से मारो मार चलो
सिर पर टोपी रफल दुनाली
अपने भगत की रखवाली
कौन-कौन तेरे संग चले
माई शाम कर माई मदानन
चार बावरी संग चले
भूत प्रेत नु कीलदा चले
डाकिनी शाकिनी नु कीलदा चले
ओपरी पराई हूं कीलदा चले
भगत दे अंग नो खेलदा चले
बंद दरवाजेआ खोलदा चले,
नगर दे खेड़े नु मन्नदा चले
नांगे गुरु नु मन्नदा चले
अस्तबली पीर नु मन्नदा चले
बागड़ दे राणे नु मन्नदा चले
नही तो गुरु गोरखनाथ दे धूने दी आन
माता कपूरी के दूध दी आन
आदेश आदेश आदेश।
विधि:-
इस मंत्र की साधना सिर्फ 21 दिनों की है इन 21 दिनों में आपने ब्रम्हचर्य का पालन और जमीन पर ही सोना है। इन 21 दिनों में आपको सूर्यास्त होने के बाद प्रतिदिन बाबा सबल सिंह बावरी की फोटो के सामने या उनके थान पर जाकर धूप दीप इत्यादि लगाकर पूजन करना है जैसा कि आप सामान्य रूप में करते हैं और बाबा जी से दर्शन देने की और मार्गदर्शन करने की प्रार्थना करनी है फिर आपको दो माला प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करना है और बाबा जी के भजन कीर्तन में मस्त रहना है किसी अन्य विषय पर ध्यान विशेष नहीं देना।
इसमें 2 से 3 दिनों में ही आपको विचित्र की अनुभूतियां होने लग जाएंगी और आपके शरीर में एक दिव्य पर प्रकंपन होने लग जाएगा फिर सेवा करते रहने से आपके ऊपर वीर सबल सिंह की हाजिरी भी हो जाएगी बंधी हुई सवारी खुल जाएगी चाहे किसी ने कितना भी बंधन मारा हो बाबा उसके बंधन को तोड़ने में सक्षम है आपके ऊपर हाजिरी आते ही आपको दिव्य अनुभूति की प्राप्ति होगी और सारे बंधन टूट जाएंगे कारोबार नौकरी तथा कुछ भी आपके जीवन का जो संकट होगा खत्म हो जाएगा एवं बाबा किसी भी समय आप को दर्शन दे सकते हैं जब वीर आपके सामने आए उनको नमस्कार करें।
अंतिम दिन आपको बोतल कड़ाही फूल फल पान मिठाई लोंग इलाइची कलावा बताशा लड्डू इत्यादि अनन्य भाव से भोग लगाना है ।
सबल सिंह बावरी वीर का एक सिद्ध मंत्र है । भगत की शक्ति को खोलने वाला और पहरा लगाने वाला यह एक अद्भुत मंत्र है।
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