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सोमवार, 24 मई 2021

दुकान व्यापार प्रतिष्ठान का बंधन खोलने का मंत्र विधि

 दुकान व्यापार प्रतिष्ठान का बंधन खोलने का मंत्र विधि


गुरू गोरख नाथ जी ने साबर मंत्रो की रचना करके समाज का बहुत भला किया । ये मंत्र बहुत तीव्र प्रभावी और अचूक होते है । परोपकारी कार्यो मे साबर मंत्रो का कोई मुकाबला नही कर सकता । मैं आज एक ऐसे ही साबर मंत्र को दे रहा हूँ जो अति दुर्लभ और कई रहस्य समेटे हुये है ।
दुकान व्यापार प्रतिष्ठान का बंधन खोलने का मंत्र विधि
दुकान व्यापार प्रतिष्ठान का बंधन खोलने का मंत्र विधि



ये प्राचीन मंत्र है और जोडे से है यानि बॉधने खोलने के दोनो मंत्र है । इस एक मंत्र द्वारा ही साधक कई कार्यो को साध लेता है । जैसे किसी के घर के बंधन को खोलना , किसी की दुकान व्यापार प्रतिष्ठान को बंधन मुक्त करना , किसी मनुष्य को किसी ने मंत्र द्वारा कुछ बंधन कर रखा हो तो उसे हटाया जा सकता है । इस मंत्र के प्रभाव से बंधन खोलकर दुकान व्यवसाय को खोला जाता है ताकि वो फिर से पहले की भाति चलने लगे। इसी मंत्र से घर दुकान बॉधी भी जाती है और खोली भी बस थोडा मंत्र मे शब्दो का हेर फेर होता है ।

लोकहित वो क्रिया देना मैं उचित नही समझता । इसलिये केवल बंधन खोलने का मंत्र और प्रयोग विधि दे रहा हू 
ज्ञानी जन लाभ ले और लोगो का भला करे ।

मंत्र

"अल खोलू बल खोलू 
जल खोलू थल खोलू 
धरती आकाश खोलू चलता हुया योगी खोलू
घर व्यापार खोलू  
गद्दी बैठा बनिया खोलू 
जो इतना ना खुलें तो 
गुरू गोरख नाथ लाजे 
मेरा खोला ना खुले तो 
गुरू मछेन्द्रनाथ लाजे 
काज व्यापार चले 
ना चले तो  शिव की
 लटा टूटभूमि पे परें 
शब्द साचॉ पिंड कॉचा फुरै मंत्र ईश्वरो वाचा 
सत नाम आदेश गुरू का ।"

विधि

मंत्र को किसी भी शुभ दिन , पूर्णिमा , अमावस्या से सुरू करके उत्तर मुख होकर 1 माला का जाप करना है । मंत्र को अधिक प्रभावी बनाने के लिये अधिक माला का जाप भी किया जा सकता है । गुरू गोरख नाथ गुरू मछेन्द्रनाथ का पंचोपचार  पूजन देकर जाप करे । माला रूद्राक्ष की लें । रात्रिकाल दस के बाद जाप  कर सकते है । 11 दिन तक जाप करने से मंत्र सिद्ध हो जायेगा ।

प्रयोग विधि

किसी शनिवार या मंगल को ये प्रयोग करना ज्यादा ठीक है । मंत्र सिद्ध करने के बाद किसी के घर दुकान के बंधन खोलने हो तो दुकान के मालिक के साथ जाकर सुबह मे दुकान खोले । मंत्र से काली साबुत उडद को 21 बार अभिमंत्रित करके सबसे पहले दरवाजे पर मारे फिर घर या दुकान मे चारो ओर मारे याद रखे, छिटकने नही है तेज मारने है । फिर एक कटोरी में गंगाजल लेकर मंत्र से अभिमंत्रित करें और पूरे घर या दुकान मे छिटके । बस आपका बंधन हट जायेगा  और फिर से वही रौनक आ जायेगी , जो पहले थी । इसके बाद सुरक्षा मंत्रो से घर दुकान कीलित किया जाता है। ताकि फिर कोई ना  बंधन हो सके। 

हर शनिवार अमावस्या ये उडद पढकर मारते रहे ताकि कोई नयी बाधा हो तो वो हट जाये ये प्रयोग केवल मंत्र द्वारा किये गये बंधन या टोटको या तंत्र की क्रिया द्वारा किये गये बंधन को खोल देता है ,काट देता है।

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