गो जोगिन सिद्धि-मंत्र
जहाँ मंत्रो की शक्ति की बात होती है वहाँ शाबर मंत्र को प्राथमिकता दी जाती है | शाबर मंत्र , वैदिक मंत्र और बीज मंत्र की अपेक्ष शीघ्र परिणाम देते है | शाबर मंत्र स्वतः ही सिद्ध होते है | बस इन्हें प्रयोग से पूर्व जाग्रत करने की आवश्यकता होती है | शाबर मंत्र का प्रयोग सटीक और शीघ्र परिणाम देता है |
गो जोगिन सिद्धि-मंत्र |
सभी शाबर मंत्र गुरु गोरखनाथ जी द्वारा सिद्ध किये गये है | अधिकांश शाबर मंत्रो की रचना भी गुरु गोरखनाथ जी द्वारा ही की गयी है | आज के आधुनिक समय में शाबर मंत्रो का प्रयोग अधिक किया जाने लगा है | मुख्य रूप से शाबर मंत्र : वशीकरण करने , मारण , उच्चाटन , सम्मोहन , कष्ट निवारण और रक्षा हेतु अधिक प्रयोग में लाये जाते है |बहुत से ऐसे शाबर मंत्र है जो हनुमान जी को समर्पित है | शाबर मंत्रो में देहाती शब्दों का अधिक प्रयोग किया जाता है जो किसी देव को दुहाई देकर या वचन के माध्यम से भक्त का कार्य सिद्ध करने के लिए बाध्य करते है |
गो जोगिन सिद्धि-मंत्र
अगारी जो गुरु यागे जोगिन गुरु डंड बतियां करियां
बलईयां री जोगन मख अनरिता गायति रही रतियां
गो जोगिन चल इन अकेलियां गो मारो हैह तालियां
गो जोगिन बांधऊ नजरियां गो जोगिन आ पहियां न आये
तो दुहाई मईया बनिता की, दुहाई सलिमा पैगम्बर की, दुहाई सलाई छु।
विधि:
इस मन्त्र क जप सावधानी से करना है। डरना बिल्कुल नहीं है। शुभ तिथि-नक्षत्र में या जुम्मा को पास में धूप-दीप आदि जला ले और चमेली के फूलों की माला समीप रखकर सावधानी-पूर्वक शुक्रवार को आरम्भ करना है। 11 शुक्रवार इसका अनुष्ठान होगा ओर हर शुक्रवार को रातभर जप करने है। रात्रि भर उक्त मन्त्र का जप करता रहे। गो जोगिन प्रकट हो तो पुष्पमाला तुरन्त ही उसे पहना दे तो वह प्रसन्न होकर अलौकिक सिद्धि प्रदान कर देगी। ओर तब अपने वचन उसके सामने रखने है।
यह साधना अधूरी है।
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