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सोमवार, 14 जून 2021

sankat niwaran rambodh shabar mantra

संकट निवारण रामबोध मंत्र


 आज के दैनिक जीवन में कही न कही कैसे भी अन चाही परेशानी का होना एक जीवन का भाग बन गया है। कोई इससे निकल पाता है तो कोई उलझ कर रह जाता हैं, ऐसे अनचाही परेशानी को दूर करने के लिए हमारे पूर्वज अपने जीवन में आवश्यक सुधार हेतू कुछ मंत्र दे गए जिनकी मदद से हम अपने जीवन को खुशहाल व सुरक्षित रखने में सफल हो सकते है।ऐसा ही एक मंत्र में आपको बताने जा रहा हूँ।
संकट निवारण रामबोध मंत्र
संकट निवारण रामबोध मंत्र



जो कि रामबोध संकट निवारण के नाम से जाना जाता हैं।  इसका प्रयोग बहुत ही सफलता पूर्वक करते थे। में भी समय समय पर यदा कदा किसी मुश्किल घड़ी में पढ़ लेता हूँ आज आपको भेंट कर रहा हूँ।


मंत्र

ॐ नमो आदेश राजा दशरथ का राम लक्ष्मण दोनों भाई 
विश्वामित्र से शक्ति पाई जा ताड़का मार गिराई मुनि वशिष्ट 
विश्वामित्र का चेला चौदह वर्ष वनवास किये वन वन फिरे अकेला 
पाकर मित्र निशादराज जैसा दिया वचन सो पहला बल 
छल चले नही सामने पाया हनुमंत सा चेला खाये झुठे बेर 
शबरी के दिया प्रेम सो हेला थे राम जो बलि को मारा जब 
सुग्रीव ने ललकारा ले संग जामवंत अंगद नल नील सो भाई 
रामनाम के पत्थर पर राम लिख की पार समुंदर सी खाई मार 
दिया दुष्ट रावण को हो गए रघुराई मेरा कारज भी ऐसा 
करजो जो चाहु सो पाई आगे आगे लक्ष्मण चाले पीछे 
सीतामाई कलयुग माही राम चाले, चाले हनुमंत जोधाई लगी 
लगी लो रामनाम की सो वैकुंठ को पाई 
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति चलो मंत्र ईश्वरो वाचा।आदेश आदेश

विधि

सर्वप्रथम किसी भी शुभ मुहूर्त में शुक्लपक्ष की नवमी को यह प्रयोग आरंभ करें गणेश जी व अपने गुरु जी का पूजन करे राम जी का ऐसा चित्र हो जिसमें की लक्ष्मण जी व हनुमान जी राम व सीता जी को प्रणाम कर रहे हो। नही तो केवल राम जी का चित्र ही ले सकते है।किसी बाजोट पर रख विधिवत पूजन करें यह प्रयोग आप अपने समय की अनुकूलता पर प्रातः या शाम को कर सकते है।आपका मुँह उत्तर दिशा में होना चाहिए।जब आप यह प्रयोग कर रहे हो।इसका जाप 27 की संख्या में करे इस मंत्र को केवल नवमी तिथि को ही पूरे साधन के साथ करना है।

ऐसा चौदह माह तक करें।बाकी दिनों में केवल जप करना है।इसमें नवमी को छोड़कर अन्य दिवस में कोई नियम नही रखना होगा।इसे गृहस्थ आश्रम में रहने वाले भी कर सकते है।संकट में  दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके आप जप करें।गलत तरीके से कार्य करने पर आप स्वयं जिम्मेदार है, इसमें कोई माला,कोई विशेष वस्त्र धारण नही करना है।इसके करने पर अन्य देव पूज्य शक्ति का विशेष बल आपको मिलता है।इसके करने से सभी प्रकार के संकटों पर विजय प्राप्त कर जीवन मे सफलता मिलेगी। 

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