नवग्रह शान्ति के लिए जंजीरा
सिद्ध मन्त्र
मोहि अनुचर कर केतिक बाता।
तेहि महँ कसुमउ बाम बिधाता॥
विधि:
राम नवमी वाले दिन रुद्राक्ष की माला पर 1100 जप नित्य करते हुए 40 दिन पूर्ण करें। 41 वें दिन अखण्ड रामायण का पाठ करवायें और गरीबों को भोजन करवाकर वस्त्रदान करें। इस मन्त्र के प्रयोग से दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है। नवग्रह क्षति नहीं पहुँचाते और प्रभु कृपा की प्राप्ति हो जाती है।
नवग्रह दोष निवारण सिद्ध मन्त्र
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु।
शशि भूमि-सुतो बुधश्च-गुरुश्च ॥
शुक्र शनि राहु केतवः।
सर्व ग्रहा शान्ति करु भवन्तु।
Navgrah shanti ke liya Yantra |
विधि :
किसी भी रविवार को पूर्व दिशा की ओर मुँह करके यह प्रयोग शुरू करना चाहिए। अपने सामने सफेद सूती आसन लगाकर उस पर नवग्रह यन्त्र स्थापित कर दें और यन्त्र का असली केशर का तिलक करके घी का दीपक जलाकर काटक का माला से इस मन्त्र का ५१ हजार जप करें। फिर अपने घर के पूजा वाले स्थान में स्थापित करें। यह यन्त्र क हर प्रकार के ग्रह दोषों को समाप्त करके जिन्दगी को सुखमय बना देता है।
Navgrah shanti ke liyaYantra 2 |
विधि :
इस सिद्ध यन्त्र को भोजपत्र पर लाल चन्दन, केशर तथा गोरोचन से लिखकर पूजा स्थल पर स्थापित कर पूजा करने से समस्त ग्रह अपना बुरा प्रभाव छोड कर शुभता प्रदान करने लगते हैं। इस यन्त्र को भोजपत्र पर केशर से शुभ समय में लिखें। इसको धारण करने से नौ ग्रह पीड़ा नहीं देते।
सिद्ध तन्त्र प्रयोग
सर्व ग्रह की शान्ति के लिए कूठ, खिल्ला, सरसों, कांगनी, देवदारू, हल्दी सर्वोषधि तथा लोध इन सबको मिलाकर चूर्ण कर किसी तीर्थ के पानी में मिलाकर भगवान का स्मरण करता हुआ जातक स्नान करें तो सर्वग्रहों की शान्ति होती है।
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