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शुक्रवार, 25 मार्च 2022

Surksha vir chalana mantra

 Surksha vir chalana mantra सुरक्षा का बीर चलाना मंत्र


    इस शाबर मंत्र के आराध्य देवता श्री हनुमानजी हैं। इसे सिद्ध करके कहीं भी आत्मरक्षा के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। शत्रुदल से घिर जाने पर अथवा भूत-प्रेतादि से आक्रांत होने पर इसका पाठ करते ही सारी आपदा दूर हो जाती है। इस मंत्र का जप करना 'बीर चलाना' कहा जाता है। यदि कोई व्यक्ति इसे विधिवत सिद्ध कर चुका है, तो वह कैसे भी संकट के समय इसकी सहायता से संकट-मुक्त हो सकता है।

 

Surksha vir chalana mantra
Surksha vir chalana mantra


कोई पैशाचिक विघ्न हो, प्रेतादि वायव्य आत्माओं का उत्पीडन किसी के द्वारा किया गया कोई अभिचार-कृत्य पीड़ा दे रहा हो या श. लिया हो अथवा हिंसक पशुओं के बीच पड़ जाने से प्राण-संकट र हो तो ऐसे सभी अवसरों पर यह मंत्र तुरंत ही अपनी अमोघ शक्ति सभी निवारण करके साधक को संकट-मुक्त कर देता है। 

मंत्र इस प्रकार है


जय हनुमान बारा वर्ष का जवान हाथ में लड्डू 

मुख में पान हांक मारत आय बाबा हनुमान 

मेरी भक्ति गुरु की शक्ति
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा। 

जैसा कि कई बार इस बात को स्पष्ट किया जा चुका है कि किसी भी मंत्र को प्रारंभ में दीपावली या अन्य किसी शुभ तिथि को विधिवत जपकर एवं हवन आदि क्रिया करके सिद्ध कर लेना चाहिए, क्योंकि सिद्ध मंत्र ही प्रभावी होते हैं। सिद्ध किए जाने के बाद वे कभी भी पढ़े जाएं, तुरंत अपना प्रभाव दिखलाते हैं।

अन्य जानकारियाँ :- 

 


साधक को प्रतिवर्ष दीपावली की आधी रात में अपने उस मंत्र को इसी प्रकार पुनः सिद्ध करके वर्ष भर के लिए सशक्त कर लेना चाहिए। वैसे यदि कोई व्यक्ति अपने मंत्र को प्रत्येक मंगलवार और रविवार की रात्रि में लोबान की धुनी देते हुए एक सौ, पांच सौ या एक हजार बार जप लिया करे, तो वह मंत्र निश्चित रूप से इंद्र के वज्र की भांति अचूक, सशक्त और त्वरित परिणाम देने वाला हो जाता है। प्रायः इस मंत्र के संबंध में ग्रामीण-जनों में कहा जाता है कि 'बीर चला दिया है', वस्तुत: बीर चलाना यही मत्र है। हनुमानजी स्वयं महावीर हैं इसलिए उनका यह मंत्र भी वीर मंत्र भी वीर की भांति चलकर अपना रहस्यमय एवं चमत्कारी प्रभाव दिखलाता है।


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