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शुक्रवार, 5 अगस्त 2022

sarv kariy shidhi shabar maha mantra

 सर्व-कार्य-सिद्धि-दायक शाबर महा-मन्त्र

 

छुः छुः यह मन्तर । देखो यह जन्तर । 

बड़ा हय धन्तर। बाले अस्वतर ।

 अच्छा हय जन्तर । उछले समन्दर । 

काबिल यह तन्तर । फीके सब बन्दर । 

जे बी हय भणतर । सब ही से बलतर ।

 रमुज का मणतर । कयसा हय सुन्दर । 

टाले जो दुःख, रोग, भङ्गे वो नहि भोग । 

जमाया महा-जोग, देखिए जी तम-लोक । 

बड़ा तमासा, मचाया वासा । घल और घमासा, बजता यह तासा।

 मारू जो एक काल, धनेगा ऐसी ताल । 

वोह आगिया बैताल है और खतेरयार है। 

बड़ाजा हनुमान, करीम सुलेमान ! हकीम जी लुकमान और जीन परस्तान ।

 जादू का हफत खान, देवो माजार दान । 

जनी कोहेस्तान, वैसी ओ मस्तान । 

सब बश हो जाए, सब गम खो जाए, दील सुख हंस जाए, सब गम हट जाए। 

आवो जी देखो, हंसो और नाचो। एसो हय साचो, नान कहे तमासो। 

सज्जने साध्यो, नजर से यहाँ फेंको, सुख-सम्पत्ति ने सन्तति । 

सो कोई देखो। गुरू की शक्ति, मेरी भक्ति । 

फुरो मन्त्र, ईश्वरी वाचा । सत्य गुरू का मन्त्र साचा ।

sarv kariy shidhi shabar maha mantra
sarv kariy shidhi shabar maha mantra


 

 

विधि : 

प्रातः काल नित्य-क्रिया से निवृत्त होकर सूर्य नारायण के सम्मुख हाथ जोड़कर खड़े हों और इस मन्त्र का 7 बार जप करें। तब अपना कार्य प्रारम्भ करे। अपनी जो मनेच्छा हो, उसका सदा स्मरण करता रहे । सूर्य देव की कृपा से सर्व - कार्य - सिद्धि होगी। ‘जप'-कर्ता की शक्ति बढ़ेगी। ईप्सित कार्य पूर्ण होंगे।

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