Vijay prapti mantra- विजय-प्राप्ति मन्त्र
जीवन या समाज के किसी भी क्षेत्र में शत्रु-विरोधी, निदंक, प्रतिस्पर्धा, प्रतिद्वन्द्वी को परास्त करके साधक को विजय प्रदान करने में यह मन्त्र अमोघ है।
vijay prapti mantra |
विजय-प्राप्ति मन्त्र
हाथ में बसे हनुमान भैरों बसे लिलार जो हनुमंत को टीका करे
मोहे जग संसार जो आवे छाती पांव धरे बजरंग वीर रक्षा करें
महम्मदा वीर छाती तोर जुगुनियां वीर सिर फोर उगुनिया
वीर मार मार भास्वंत करे भैरों बीर की आन फिरती रहे
बजरंग वीर रक्षा करे जो हमारे उपर घात डाले तो
पलट हनुमासन वीर उसी को मारे जल बांधे, थल बांधे,
आर्या आसमान बांधे कुदवा और कलवा बांधे,
कचकक्की आसमान बांधे वाचा साबि
साहिब के पूत धर्म के नाती, आसरा तुम्हारा है।
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