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गुरुवार, 5 नवंबर 2020

Lakshmi Mantra

 महा-लक्ष्मी मन्त्र 

लक्ष्मी ’शब्द मूल शब्द 'लाक्षा’ से बना है जिसका अर्थ है लक्ष्य या उद्देश्य।  लाक्षा ’लेने का अर्थ है, एक उद्देश्य लेना। आपके लक्ष्य को जानने के लिए और उस लक्ष्य को पूरा करने के साधन के रूप में लक्ष्मी मंत्र का पाठ किया जाता है।  लेकिन लक्ष्मी मंत्र एक प्रार्थना है जो न केवल वित्तीय समृद्धि हासिल करने के लिए है, बल्कि हमें समझ के साथ हमारे दिमाग को प्रबुद्ध करने के लिए बुद्धिमत्ता भी देती है। लक्ष्मी सभी का सौभाग्य है जो सौभाग्य, समृद्धि और सुंदरता लाती है।

Lakshmi Mantra
Lakshmi Mantra


महा लक्ष्मी जी को हिन्दू धरम में धन की देवी कहा गया है | घर में धन और सुख दोनों ही माँ लक्ष्मी जी की कृपा से आता है | आज के समय इस समाज में धन को बहुत महत्व दिया गया है | इसलिए अध्यात्म की द्रष्टि से धन पाने के लिए आप महा लक्ष्मी जी उपासना द्वारा ही यह संभव कर पाते है | माँ लक्ष्मी जी की उपासना के बहुत से मार्ग है जिनमें से मंत्र द्वारा उनकी उपासना करना एक है | मंत्र/Mahalaxmi Mantra द्वारा किसी भी देव या देवी बहुत ही शीघ्रता से प्रसन्न किया जा सकता है व उनसे इच्छित आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है |


राम-राम क्या करे, चीनी मेरा नाम । 

सर्व-नगरी बस में करूं, मोहं सारा गाँव। 

राजा की बकरी कीं, नगरी कर बिलाई।

 नीचा में ऊँचा करूँ, सिद्ध गोरखनाथ की दुहाई।

विधि-

जिस दिन गुरुवार को पुष्य नक्षत्र हो, उस दिन से प्रतिदिन एकान्त में बैठकर कमल-गट्टे की माला से उक्त मन्त्र को 108 बार जपें । 40 दिनों में यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है। फिर नित्य 11 बार जप करते रहें।

लक्ष्मी-पूजन-मन्त्र 

आवो लक्ष्मी बैठो आँगन, रोरी तिलक चढ़ाऊं। 

गले में हार पहनाऊँ। बचनों की बाँधी, आवो हमारे पास । 

पहला वचन श्रीराम का, दूजा वचन ब्रह्मा का, तीजा वचन महा-देव का । 

वचन चुके, तो नर्क पड़े। सकल पञ्च में पाठ करूँ। 

वरदान नहीं देवे, तो महा-देव शक्ति की आन।

विधि-

दीपावली की रात्रि को सर्व-प्रथम षोडशोपचार से लक्ष्मी जी का पूजन करें। स्वयं न कर सकें, तो किसी कर्म-काण्डी ब्राह्मण से करवा लें। इसके बाद रात्रि में ही उक्त मन्त्र की 5 माला जप करें। इससे वर्ष- समाप्ति तक धन की कमी नहीं होगी और सारा वर्ष सुख तथा उल्लास में बीतेगा।


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