मनोकामनादाता भैरव मन्त्र
Manokamna bhairw shabar mantra |
ॐ काली-कंकाली महाकाली के पुत्र कंकाल भैरूँ।
हुकुम हाजिर रहे।मेरा भेजा काल करे।
मेरा भेजा रक्षा करे।
आन बाँचूँ, वान बाँचूँ चलतेफिरते औसान बाँधू दसो सुर बाँधू, नौ नाड़ी बहत्तर कोठा बाँचूँ।
फूल में भेजें, फूल में जाय। कोठे जो पड़े थर-थर काँपे।
हल-हल हले, गिरगिर पड़े। उठ-उठ भागे, बक-बक बके।
मेरा भेजा सवा घड़ी, सवा पहर।
सवा दिन, सावा मास, सवा बरस कूँ बावला न करे, तो माता काली की शय्या पर पग धरे।
वाचा चूके, तो उमा सूखे। वाचा छोड़, कुवाचा करे तो धोबी की नांद चमार के कुण्ड में पड़े।
मेरा भेजा बावला न करे। तो रुद्र के नेत्र की ज्वाला कढे।
शिर को लटा टूटि भूमि में गिरे।
माता पार्वती के चीर पर चोट पड़े।
बिना हुकुम नहीं मारना हो तो काली के पुत्र कंकाल- भैरूँ।
फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।। सत्य नाम गुरु जी का।।
इस मन्त्र का अनुष्ठान दीपावली अथवा ग्रहणकाल में श्री भैरव जी विषयक नियमों का पालन करते हुए चौमुखा दीपक जलाए, त्रिकोण एक चौका लगाकर दक्षिण की ओर मुख करके बैठें। जप समय काली-कनेर के फूल, लड्ड, लौंग जोड़ा, मांस, मंदिरा और पुष्प-माला अपने समक्ष रखकर इस मन्त्र की 11 माला का जप करें एवं दशांश हवन करें तो यह मन्त्र सिद्ध हो जायेगा। आवश्यकता के वक्त श्री भैरव जी से प्रार्थना करें तो मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
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