कालभैरव ऋद्धि- सिऋिप्रदायक
Kal bhairw ridhi sidhi mantra |
मन्त्र'
ॐ सतनाम आदेश गुरु को
ॐ पहला तारा ईश्वर तारा,
जहां हनूमान माराठंकारा, कालभैरूं काली रात,
काली पुतली काजल रात कालो कलुओ आधी रात,
चलतो बाट: चित्तकर उलट मार पुलट मारहो हनुमंतवीर हाल आव,
सिताब आव सवापहरमें आव, सवा घड़ीमें आव,
जा किसकी खाटपर ऋद्धि लाव सिद्धि लाव सूतीकोजगाय लाव बैठीको उठाय लाव,
चलतीको बुलाय लाव, हो हनुमन्तवीर हमारे कार्य मेंढील करोगे
तो सदाशिवकी दुहाई माता अंजनीकी दुहाई सीधा पाँव धरोगे
तो बत्तिसधारको दूध हराम करोगे, मेरी भक्ति गुरुकी शक्ति चलो मन्त्र ईश्वरोवाच ।।
विधान– रविवार के दिन कड़ाही में सवा पाव घी में रोट (आटा-गुड़मिश्रित एक पक्वान्न) बना लें। उसे मंगलवार के दिन कालभैरव को चढ़ावें तो ऋद्धि-सिद्धि मिलती है।
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